2 big asteroids 2023 ML3 and asteroid 2008 LG2 massive size 100 foot coming to earth today speed 20206 km per hour nasa jpl latest asteroid news


अंतरिक्ष के अनंत सागर में हमारा सौरमंडल बहुत पुराना नहीं है। यह 4.6 अरब साल पहले बना बताया जाता है। अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के मुताबिक, साइंटिफिक थ्योरी कहती है कि सौरमंडल का जन्म एक बड़े गैस के बादल, जिसे नेब्युला भी कहते हैं, के अंदर विस्फोट से हुआ था। इस विस्फोट में ग्रह भी बने और इनके साथ कुछ चट्टानी टुकड़े भी अंतरिक्ष में बिखर गए, जो अब एस्टरॉयड या क्षुद्र ग्रह कहलाते हैं। ये सौरमंडल के जन्म के समय से ही इसके तारे, यानि कि सूर्य के चारों ओर परिक्रमा कर रहे हैं। इनकी संख्या लाखों में है। 

एस्टरॉयड कुछ महीनों से लेकर कुछ सालों तक का समय भी सूर्य की परिक्रमा करने में ले लेते हैं। अपनी कक्षा या ऑर्बिट में घूमते हुए कई बार ये पृथ्वी की कक्षा को काटते हैं, या फिर उसी कक्षा के बेहद करीब से होकर गुजरते हैं। ऐसे में एस्टरॉयड के धरती से टकराने की संभावना भी बनती है। पिछले कुछ दिनों में लगातार एस्टरॉयड पृथ्वी के करीब देखे जा रहे हैं। कुछ तो इतने करीब से होकर गुजर चुके हैं जितना कि पृथ्वी का अपना उपग्रह चांद इसके करीब है। नासा की जेट प्रॉपल्शन लेबोरेटरी इन्हें ट्रैक करती है और जब ये एक निर्धारित दूरी से ज्यादा करीब आ जाते हैं तो इनके लिए अलर्ट जारी करती है। 

नासा की जेट प्रॉपल्शन लेबोरेटरी के मुताबिक, आज यानि 24 जून 2023 को एस्टरॉयड फिर से धरती के करीब से होकर गुजरने वाले हैं। आज 2 एस्टरॉयड के लिए अलर्ट जारी किया गया है। इनमें से एक एस्टरॉयड 2023 ML3 है जो कि 25 फीट की चट्टान है। इसे एक बस के जितना बड़ा बताया गया है। यह महज 2 लाख 60 हजार किलोमीटर की दूरी से धरती के पास होकर गुजरने वाला है। अभी तक नासा ने इसके पृथ्वी पर गिरने जैसी सूचना तो नहीं दी है, लेकिन इसकी दूरी पृथ्वी के पास आकर बेहद कम रह जाएगी। 

इसके अलावा एस्टरॉयड 2008 LG2 भी आज धरती की दिशा में चला आ रहा है। यह 100 फीट का चट्टानी खतरा है। यह धरती से 4,030,000 किलोमीटर की दूरी से गुजरने वाला है। जैसा कि इसके नाम से भी पता चलता है, यह पहली बार 2008 में देखा गया था। य़ह 20206 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से धरती की ओर बढ़ रहा है। एस्टरॉयड ऐसे खगोलीय पिंड हैं जो सौरमंडल का शुरू से ही हिस्सा हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, इनकी संरचना में ब्रह्मांड के जन्म के राज छुपे हो सकते हैं। लेकिन कई बार ये पृथ्वी के लिए खतरनाक भी बन जाते हैं। इसलिए नासा इनसे खतरे को देखते हुए लगातार इन्हें ट्रैक करती है।

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